ब्रिटेन कश्मीर पर: भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटेन के एम्पायरवाद का सितारा डूबा हुआ है जिसके 75 साल के निशान हैं। इस दौरान भारत ने तेजी से विकास किया और आज ब्रिटेन से बड़ी उद्योग बन गया है और दुनिया की एक बड़ी शक्ति बन गया है लेकिन ब्रिटिश सिस्टम अभी भी भारत को लेकर अपनी साम्राज्यवादी वाणी से बाहर नहीं निकल पाया है। आज भी रह-रहकर पाकिस्तान को लेकर उनका पूर्वाग्रह झलकता है। अब पाकिस्तान और ब्रिटेन की सेना ने संयुक्त रूप से इंग्लैंड में क्षेत्रीय स्थिरता सम्मेलन की मेजबानी करने का फैसला किया है।
इस सम्मेलन में अन्य बातों के अलावा कश्मीर विवाद पर चर्चा होगी। ब्रिटेन का ये कदम ऐसे समय में होने जा रहा है जब कुछ दिन पहले ही वहां की सरकार ब्रॉडकास्टर बीबीसी ने विदेश विभाग के निर्देशों के साथ दहाड़ को लेकर डॉक्यूमेंट्री प्रसारित की है।
फरवरी में जनरल मुनीर जाएंगे यूके
ऋषि सुनक सरकार के निमंत्रण पर पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल ओमनीर 5 से 8 फरवरी के बीच विल्टन पार्क में 5 वें संयुक्त यूके-पाक स्थिरीकरण सम्मेलन को संदेश देने वाले हैं। विल्टन पार्क ब्रिटेन के विदेश कार्यालय की एक कार्यकारी एजेंसी है जो रणनीतिक चर्चाओं के लिए एक मंच प्रदान करती है।
ब्रिटेन की सेना के प्रमुख जनरल पीएन वाई एम सैंडर्स इस कार्यक्रम की सह-मेजबानी करेंगे। इस सम्मेलन की थीम “दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता: भू-राजनीति और अन्य स्थूलता की वापसी” है। सम्मेलन यूरोपीय संघ, ब्रिटेन पर यूक्रेन युद्ध के प्रभाव और पाकिस्तान के लिए इसकी विचार पर ध्यान केंद्रित करेगा। ब्रिटेन ने यूक्रेन को गुप्त रूप से आरएएफ रूप का उपयोग करके हथियार और गोला-डायनेटाइट प्रदान किया है।
यूक्रेन में पाक की दोहरी भूमिका
एक ओर ब्रिटेन युद्ध में यूक्रेन का समर्थन कर रहा है, वहीं पाकिस्तान दोहरी भूमिका निभा रहा है। ब्रिटेन को याद तो होगा ही जब 24 फरवरी, 2022 को व्लादिमीर ने मास्को में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरा खान का स्वागत किया था। ठीक उसी दिन रूस ने यूक्रेन पर हमले का फैसला किया था।
चर्चा के अन्य विषयों में सूचित संचालन की भूमिका, युद्ध में साइबर आक्रमण, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय स्थिरता, सुरक्षा समानता और काय विवाद पर एक सुधार शामिल हैं।
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