बीबीसी वृत्तचित्र पंक्ति: बीबीसी के भारत में बैन गुजरात दंगों की कहानी का विवाद अभी भी ऐसा नहीं था कि ब्रिटेन में इसकी एक कहानी को लेकर और एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया। बीबीसी की डॉक्युमेंट्री ‘द शमीमा बेगम स्टोरी’ से निराशा इतनी बढ़ गई है कि ब्रिटेन के लोग इसकी सब्सक्रिप्शन रिन्यू की बात नहीं कह रहे हैं।
यह विवाद खड़ा हुआ क्योंकि 2015 में यूके में रहने वाली शमीमा बेगम नाम की 15 साल की किशोरी भाग कर सीरिया चली गई थी और इस्लामिक स्टेट में शामिल हो गई थी। सीरिया में रहने के दौरान ही वह जिहादी दुल्हन के नाम से कुख्यात हो गया। अब बीबीसी ने अपना प्रति सहनभूति भरा एक दस्तावेज़ तैयार किया है।
क्यों हो रहा है विवाद?
बीबीसी पर यह विवाद तब शुरू हुआ जब उसने शमीमा बेगम पर 90 मिनट की डॉक्यूमेंट्री जारी की। द डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक उनका यह डॉक्यूमेंट्री उनका पॉडकास्ट ‘आई एम नॉट ए मॉन्स्टर’ के 10वें एपिसोड के बाद आया है। यह स्टोरी शमीमा बेगम की यूके से सीरिया तक की यात्रा को रीट्रेस करती है, और उसकी प्रति सहानुभूति पैदा करने की कोशिश करती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीबीसी का अपना डॉक्यूमेंट्री से अब 23 ब्लिट्ज की हो चुकी शमीमा बेगम के प्रति सहानुभूति जताती हुई है। इन रिपोर्ट में बताया गया है कि उसे अपने सीरिया जाने के फैसले पर दुख है।
शमीमा बेगम कौन है?
यूके में रहने वाली शमी बेगम नाम की एक 15 वर्षीय किशोरी अपनी दो सहेलियों कदीजा सुल्ताना और अमीरा अबासे के साथ फरवरी 2015 में ब्रिटेन से भागकर सीरिया चली गई जहां उसने तीन साल से भी अधिक का समय आईएस के साथ बताया। बाद में आईएस दुल्हन के रूप में बदनाम हो गई क्योंकि उसने सीरिया में पहुंचने के तुरंत बाद एक डच आईएस लड़ाके से शादी कर ली थी।
बांग्लादेशी मूल के माता-पिता से ब्रिटेन में जन्मी बेगम से 2019 में राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर यूके सरकार ने अपना कब्जा हटा लिया था, इसी बीच सीरिया में इस्लामिक स्टेट नेस्तानबूद हो गया था, से ही बेगम वापस यूके लौटना चाहता है लेकिन सरकार इसकी अनुमति देती है नहीं दे रहा है।
ब्रिटेन ने अपने फैसले पर अदालत में विचाराधीन होने का फैसला किया है, इसी बीच बीबीसी ने कथित तौर पर अपने फेवर में एक 90 मिनट की डॉक्युमेंट्री रिलीज कर दी लोगों का कहना है कि इससे उसकी सहानुभूति बढ़ सकती है।