केंद्रीय बजट 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार का आखिरी बजट पेश होने से पहले अर्थशास्त्रियों और तर्कों के साथ विचार-विमर्श किया और उनकी सलाह के लिए। आयोग की नीति में प्रधानमंत्री देश के जाने माने अर्थशास्त्रियों से मुखातिब हुए। इस क्षेत्र के प्रधानमंत्री ने कहा कि जोखिम के बावजूद, उभरती हुई वैश्विक वातावरण डिजिटलीकरण, ऊर्जा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों में नए और अलग-अलग प्रकार के अवसर प्रदान करता है।
नीति आयोग में हुई इस बैठक की दृष्टि, वैश्विक विरोध के नेताओं के बीच भारत का विकास और रूपरेखा (वैश्विक बाधाओं के बीच भारत का विकास और लचीलापन) था। बैठक में प्रधान मंत्री ने स्थिति स्थिति के आधार पर योग्यता लाभ उठाने के लिए, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को लीक से हटकर सोचने के लिए जोर दिया। प्रधानमंत्री ने भारत के डिजिटल स्टोरी की सफलता और देश भर में फिनटेक को तेजी से दत्तक की नौकरी की। प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति को भारत के विकास के प्रमुख चालक के रूप में भी रेखांकन करते हुए कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को सक्षम बनाने और बढ़ावा देने के लिए प्रयास जारी रखने को कहा है। बजरा के चल रहे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस साल प्रधान मंत्री ने बजरा को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
बैठक में मौजूद अर्थशास्त्रियों ने भारत की गति की गति को बनाए रखने को लेकर अपनी ओर से सुझाव दिया। इन अर्थशस्त्रियों ने कृषि से लेकर मैन्युफैक्चरिंग जैसे विषयों को लेकर अपनी सलाह दी। अर्थशात्रियों ने कहा कि इस संकट के दौर में अपने जुझारूपन और पहचान के कारण भारत दुनिया का चमकता सितारा के तौर पर उभरा है। इन अर्थशास्त्रियों ने भारत की अजीब क्षमताओं को गड़बड़ाने के लिए कई रणनीतिक सुझाव दिए। प्रधानमंत्री ने अर्थशास्त्रियों को उनके विचार के लिए धन्यवाद दिया। आपको बता दें कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूरा बजट पेश होने में 20 दिन से भी कम समय में बचत है।
बैठक में वित्त मंत्री नीति आयोग के उपाध्यक्ष, नीति आयोग के सदस्य, मुख्य आर्थिक सलाहकार और कैबिनेट सचिव के अलावा निर्मल विवरण भी मौजूद थे।
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